There is your truth and there is my truth. As for the universal truth, it does not exists .
– Amish Tripathi, author of the Shiva Triology
सत्य
एक पल में दिन है कहीं, दुजे ही पल में रात,
गर्मी से तपती धरा कहीं, कहीं बरखा कि बौछार!
दोनों ही सच्चे अपनी जगह, दोनों की अपनी छाप,
जो सभी सत्य है अपने आप में फिर कौनसी झूठी बात??
ये तो वक़्त- वक़्त का खेल है,
बस नज़रिए का मेल है,
जो मिल जाए तो सभी ‘सत्य’ है
वरना पल में उलटफेर है!
– सोनाली बक्क्षी
१२/१०/२०२०