Here’s my latest hindi poetry – Shaadi ka Laddoo…!
Please note – this poetry is written and narrated for the purpose of fun & entertainment only and no co-relation with any person or disrespect to any relationship or personal belief is intended…!!
So please listen to it with an open heart & a jolly mind…enjoy 😁😁💃🏻🕺🏻
शादी का लड्डू
शादी का लड्डू चाहे जैसा भी हो
जो खा ले इसे वो कभी नहीं बताते
के ‘म्यूचुअल फंड’ की तरह इसमें भी लगा
एक छोटा सा आस्ट्रिक है
और जीवन का निवेश इसमें सब्जेक्ट टू
अ लौट औफ रिस्क ह !
रिश्तेदारी, दुनियादारी वित अ लौट औफ एडजमेंट एण्ड ज़िम्मेदारी की कौंप्लीमेंटरी इसमें लंबी चौड़ी लिस्ट है,
और सब कुछ करते कराते भी झीरो एप्रिसिएशन की पौसीबिलीटी ये इसका वन लाइन में जिस्ट है !
सब चलता है सोच कर जीते है,
सबके साथ ऐसा ही तो होता है
मन ही मन इसी तसल्ली के साथ
अपने होंठों को सी लेते हैं
और जब भी कोई कुँवारा मिले तो उसे
ये लड्डू दिखाकर ललचाते है,
अरे हमने कर ली अब तुम भी कर लो
ये कहकर उन्हें इस चक्रव्यूह में फँसाते है ।
तभी तो सारे मिल-जुलकर बाराती बन आ जाते है,
डीजे वाले बाबू से फ़रमाइश कर ढेर गाने बजवाते है,
फिर ठुमक-ठुमककर नाच-नाच के खूब मज़े उड़ाते हैं ।
मन में अपने सोचकर गालों में हंसी दबाते है के
आख़री दिन है बेटा तेरा आज मज़े कर ले
फिर संग जीवन भर के ठहाके है !! 😉😉😅
– सोनाली बक्क्षी
१९/०२/२०२१
Hahaha really enjoyed 😆🤣
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Thank you 😊 I am glad that you liked it.
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Very true sonali 😄
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