माँ सिर्फ़ एक प्यारा सा शब्द नही,
‘ माँ ‘ एक ज़िम्मेदारी है,
तुम्हें अनुशासन शिष्टाचार सिखाती,
रखती जीवनभर की यारी है,
चोट लगे तो माँ कराहो
दुख-दर्द में उसे पास तुम पाओ,
ख़ुशी के आसीस देनेवाली है,
हर गलती तुम्हारी सुधारकर,
फिर चाहे डाँटकर, फटकारकर,
कान खींच या पुचकारकर
जिस भी तरह मुमकिन हो
तुम्हारे जीवन को
सही आकार देनेवाली है,
जीवन भर परछाई बन
परवरिश करे, सँभाले ,
अपनी छाप जो मरणोपरांत भी
संस्कारों के रूप में
तुम पर हमेशा के लिये
छोड़नेवाली है,
‘माँ’ सिर्फ़ एक प्यारा सा शब्द नहीं,
‘ माँ ‘ एक ज़िम्मेदारी है,
‘ माँ ‘ एक ज़िम्मेदारी है ।
- सोनाली बक्शी
०६/१२/२०२१
( Dedicted to the fond memory of my mother❤️)
Like always It’s just WOW🤩. Congratulations on your 100th Post.
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Thank you 🙏 😊
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Very true Sonali!!!
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Thank you Vaishali 🙏
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जबर्जस्त लिखा है
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धन्यवाद 🙏😊
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