नारी का जन्म भारत देश में
वैसे तो सम्मान हैं,
कुमारिकाएँ यहाँ पूजी जाती हैं,
शक्ति रूपिणी माता रानी को
मानते हम भगवान हैं ।
नवरात्रि का पर्व मनाते हैं
हम साल में दो बार,
मानते हैं माँ के आशीर्वाद से
जग में है मुमकिन हर चमत्कार!
बेटा भाग्य से मिलता हैं पर
सौभाग्य से ही बेटी मिलती है
सोश्यल मीडिया में ऐसे चर्चे कई महान हैं ।
फिर भी न जाने क्यों अख़बारों में
ख़बर यूँ आती हैं ,
रास्ते पर चलती भोली-भालीं लड़की
शर्मसार हो जातीं हैं!
एक तरफ़े प्यार का प्रपोज़ल ठुकराने पर
एसिड फेंका जाता हैं,
आपसी रंजिश के बदले में बलात्कार हो जाता है,
छोटी- छोटी बच्चियों की मासूमियत
पल में छिन्न जाती हैं,
‘ऑनर किल्लींग’ के नाम पर अपनी ही जन्मी लड़की
सूली चढ़ जाती हैं!
विनम्रतापूर्वक विनती हैं आप सभी से मेरी
कहतीं हूँ दिलसे बस एक बात,
ना आरती गाना, ना दिये लगाना,
ना मंदिरों में बिठाकर भगवान बनाना,
करना बस इतना एहसान,
बेटों को अपने ये ज़रूर सिखाना,
नारी भी है एक इंसान!
ना चीज़ है वो कुचले जाने की,
ना मांस का टुकड़ा हवस मिटाने की
हिस्सा हैं वो उतना ही इस जग का
जितना पुरूष का है यहाँ अधिकार,
आख़िर नारी की कोख से ही हर पुरूष हैं जन्मा,
यहीं हैं विधी का परम विधान !
– ०४/१०/२०२०
Well portrayed the reality! 👍
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Thank you Rajni 🙏
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Very beautiful
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Thank you Rosetta
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Well said 👏
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Thank you 😊
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Wonderful poem🌟
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Thank you Benson 😊
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Well portrayed reality.
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Thank you Vineeta 🙏
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Excellent. 🧡
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Thank you 😊
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Superb Sonali!!
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Thank you Vaishali 🙏
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